Thursday, June 30, 2011

पेड़ की छाया

पेड़ की छाया में सो रहा था एक कुत्ते का बच्चा,
पेड़ पर बैठा सोच रहा था एक बिल्ली का बच्चा,
"यह क्यों सो रहा है अभी तक कुत्ते का बच्चा ? ",
पेड़ से नीचे आया वह बिल्ली का बच्चा-1
उसके मन में शरारत आई ,
ज़ोर से कुत्ते की पूँछ दबाई,
भों-भों करके कुत्ते ने नज़र घुमाई ,
बिल्ली की शरारत समझ में आई-2
धीरे- धीरे उठ कर अपने कानों को झटका,
दूर गया वहां से भों-भों करता,
चड़ा पेड़ पर फिर से बिल्ली का बच्चा,
वापस लौट आया वहां कुत्ते का बच्चा-3
भों- भों करके बिल्ली को डराया,
"नीचे उतर, लकडहारा पेड़ काटने आया ,
पेड़ कट जाएगा तू गिर जाएगा,
नहीं उतरा तो तू मर जाएगा ".-4
बिल्ली का बच्चा नीचे आया,
कुत्ते का कान खुजलाया ,
पेड़ का गोल-गोल चक्कर लगाया,
कुत्ते को अपने पीछे भगाया.-5
म्याऊं-म्याऊं करता कुत्ते को बताता ,
देख लूँगा लकडहारा पेड़ कैसे है काटता,
वह इसे काटे तो में उसे काटूंगा,
वह आगे से मारे तो मैं पीछे से मारूंगा -6  
भों- भों करता कुत्ता बोला,
"तू नहीं समझता मत बन भोला,
तेरे बस की बात नहीं है,
तेरी इतनी ऊंची आवाज बनी नहीं है-7
आदमी के पास है ताक़त है भारी,
तू उड़ जाएगा हवा में अगर उसने कुल्हाड़ी मारी ,
एक नहीं वह दस लकडहारे लाएगा,
सारा पेड़ गिरेगा तू उसमें दब जाएगा-8
बिल्ली का बच्चा उछलता म्याऊं-म्याऊं करता,
लकडहारा क्या जाने हम जीवों में भी है एकता,
मैं अकेला नहीं हज़ारों मक्खिया ,मच्छर ,कोवों को बुलवाऊंगा
मिलकर, डराकर, उसे यहाँ से भगाऊंगा-9
यहाँ है हमारा खेल का मैदान,
तुम्हारा भी है यहाँ विश्राम का स्थान,
पक्षी भी चहचहाते यहाँ,
चूहों के बिल भी हैं यहाँ-10
पेड़ों के झुरमुट लगते हैं कितने सुंदर,
झांकती सूरज की किरने जब इनके अंदर,
नीचे ऊपर दायें-बाएँ हवा से झूमते हैं पत्ते,
मानो कोई नर्तकी के हाथ-पाँव हैं थिरकते -11
हैरान हो रहा कुत्ते का बच्चा,
कितनी ताकत है दिखाता बिल्ली का बच्चा,
भों-भों करता पूँछ हिलाता चक्कर काट रहा था कुत्ते का बच्चा ,
अपना पंजा बिल्ली के पंजे से मिला रहा था कुत्ते का बच्चा. 
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Tuesday, June 28, 2011

एकता

एकता 
 जोड़ सके जो सब को उसका नाम है एकता, इसीसे मिलती है दुनिया में सफलता.  
एक- एक फूल से बनती है माला, एक- एक धागे से बनती है दुशाला .
घर बनता है एक-एक ईंट से ,घोंसला बनता है एक-एक तिनके से.
एक- एक फूल से खिल जाती  है बगिया, एक-एक बूँद से बन जाती है नदिया .
मुट्ठी में जो शक्ति है वह उँगलियों में नहीं ,रस्सी में जो ताकत है वह वह धागे में नहीं. 
देश की ताकत जनता में है , भिन्न भिन्न भाषाओं में नहीं ,
लाखों चले जब  साथ-साथ, कोई कर सकता वार नहीं. 
मिटा दो भेद रंगों का इसमें प्यार नहीं, मिटा दो भेद धर्मों का इसमें शान नहीं.
सब का खून लाल है प्यार जगाओ सब में,सब के लिए  प्रकाश है एक जैसा सूरज और चाँद में .
मिटें  सीमाएं देश की बने  एक परिवार ,  फिर देखो एकता का चमत्कार.  
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Monday, June 27, 2011

पक्षिओं का मेला

आओ देखें पक्षिओं  का  मेला है, छोटे बड़े रंग- बिरंबे पंखों का मेला है. 
कांव-कांव करता कौआ आया सब का दादा, पहन कर कोट काला  बांतें करे ज्यादा ,
एक आँख से काना समझे बड़ा सयाना , लोमड़ी को देख कर भूल जाय रोटी खाना ,
चूं-चूं करती चिडिया  आयी सब की नानी ,मटकती -मटकती ओड़ चुनरिया धानी ,
इधर -उधर फुदकती रहती बनती बड़ी सयानी ,खिचडी पका कर खा जाती फिर चिल्लाती रानी,
गुटर -गूं करता कबूतर आया बिना  पूछं वाला,पगड़ी सिर पर  बाँध कर कबूतरी साथ लाया,
बना घोंसला खिड़की पर बच्चों के संग आया, बिल्ली को देख कर आँखों को दबाया ,
कवैक-कवैक करती आयी बतख दूर से शोर मचाती ,पीली चोंच लाल पैर कीड़े खाती तैरती इठलाती ,
छोड़ कहीं न अपने बच्चे पीछे है भगाती, मैं भी नाचूं में भी गाऊँ पहला नंबर है  पाती ,  
ऊँचे -ऊँचे राजहंस चलते -चलते झुंडों  में आये ,उड़ते -उड़ते सारस सफ़ेद रंगों में छाए ,
ताज पहन कर मुर्गा बैठा तोते ने बजाया बाजा,मछली चबाता बगुला आया ,मोर ने नाच नचाया ,
बड़ी बातूनी मैना आयी कोयल ने मीठी तान सुनाई ,
चिक- चिक चीक तीतर बटेर का कहना , दोनों लड़े आपस में सब को खूब सताना ,
कर दिया हंगामा खूब शोर मचाया, कठफोड़वे ने चोंच मार कर सब को दौडाया ,
क्या हुआ क्या हुआ कोई समझ ना पाया, कहाँ जाएँ सब का मन घबराया,
सब बोलें अपनी बोली इतना हो गया शोर ,ख़तम हो गया मेला सब दोडें घर की ओर.  
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Saturday, June 25, 2011

pinjre kaa totaa

पिंजरे  का तोता  
न जाने कितने वर्ष बीत गए, रहता हूँ इस पिंजरे में ,क्या पूरब क्या पश्चिम ,क्या उत्तर क्या दक्षिण,
क्या दिन क्या रात, क्या सुबह और  क्या शाम, सूरज, चाँद, सितारे न जाने कहाँ चले गए .
कैसे पर्बत ,कैसी नदियाँ , कैसे बाग़ बगीचे, कैसा होता है आकाश, कैसी होती है आज़ादी ,
किस  से पूंछु किस को लिख भेजूं पाती, किस काम के ये पंख मुझे दे दिए ? .
सुनता हूँ चिडिओं की चीं-चीं, कौए की कांव-कांव ,कोयल की कुहू -कुहू, कबूतर की गुटर गूं ,
कौन होतें हैं मित्र मेरे ,अपने न जाने कहाँ खो  गए.
यह ठीक है खाना पीना नहीं पड़ता ढूंढना , आराम ही आराम है बस जिन्दगी में,
सुख चैन का क्या करूं, जो जीवन नहीं है मेरा अपना, कोई खोल दे इस पिंजरे को ,
पहुँच जाऊं जहां हो कोई मेरा अपना .
पहचानूंगा कैसे कौन अपना कौन पराया , हाँ सोच-सोच यही समझ में आया ,
जिसकी सूरत-मूरत होगी मेरे जैसी, मेरे जैसी चाल- ढाल ,मुझे देखते ही बढाएगा अपना प्यार. 
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Tuesday, June 14, 2011

chacha Nehru

   चाचा नेहरु की कहानी , सब को लगाती बड़ी सुहानी, इसको कहते नाना-नानी,दुनिया थी इनकी दीवानी.
   बचपन बीता खेल में, जवानी बीती  जेल में , जीवन बदला गाँधी ने , देश की  दासता थी मिटानी....
   जहाँ -जहाँ वे कदम बढ़ाते ,नए सपने लेकर जाते ,जयहिंद का नारा लगते ,देश की ताकत थी बढानी......
   राष्ट्र एक बगीचा हो ,खिलते हुए गुलाब हों ,बच्चों की मुस्कान हो, उनके मन ने थी ठानी.........
   सब में भाई चारा हो, देश बने न्यारा हो, बाल-दिवस सब को प्यारा हो, उनकी बातें  नहीं भुलानी. .....
  शान्तीवन की समाधी कह रही,अमन का सन्देश दे रही,आओ सुमन अर्पित करें,उनकी कुर्बानी नहीं भुलानी ..
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    वीर जवाहर का जन्म दिवस है बालदिवस, इतिहास बताता है,
    खिला -खिला गुलाब खुशबू फैलाता है.....
    एकता की ताकत से ,मंजिल उन्होंनें पायी थी, भारत हुआ आज़ाद ,गूँज उठी शेहनाई थी..
    जहां-जहां वे चले ,सब ने उनका साथ दिया,छोड़ भेद भाव सारे,देश को संवार दिया....
    जिन  राहों पर जवाहर चले, उन राहों पर चलना है, विश्व शांती बनी रहे ,यह उनका कहना है...
     जब तक सूरज चाँद रहेंगे ,बच्चे उनको याद करेंगे ,देश का ऊँचा नाम करेंगे,नया इतिहास रचेंगे....
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     लो चौदाह  नवम्बर आ गया ,चाचा नेहरु की याद दिला गया,
     बच्चों का मनभावन ,बालदिवस फिर आ गया,
     सिर पर टोपी ,अचकन में गुलाब समा गया,
     मोती का वह लाडला ,लोगों को लुभा गया,
    गांधीजी की आवाज़ ने,देश भक्त बना दिया,
    अपना सब कुछ भूल कर ,वतन पर लुटा दिया,
    देश को आज़ाद करा दिया ,जनता ने नेता बना दिया,
    लाल किले पर झंडा लहरा दिया, जयहिंद का नारा लगा दिया,
    भारत हो शिखर पर ,ऐसा मंत्र बना दिया ,
    अमन की सब भाषा बोंलें ,वैसा पाठ पड़ा दिया, 
    आसमान में तारा देखो ,कैसा टिमटिमा रहा,
    सदीयों तक ना भूलेगी,उनकी यह दास्ताँ......
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  चाचा नेहरु ला जवाब ,खिलता हो जैसे गुलाब
  मिति की आँखों का तारा,था जन-जन का प्यारा 
  सीधे सादे दिल के सच्चे ,बच्चे उनको लगते अच्छे 
  बच्चे उनको करते उनको याद ,चाचा नेहरु ला जवाब 
  आज़ादी की लड़ी लड़ाई ,अंग्रेजो को यह बात ना भाई
  सज़ा पायी विपदा झेली ,भारत की फिर डोर संभाली 
  गाँधी के पथ को अपनाया, शांतिदूत नाम पाया
भारत के निर्माता नेहरु ,भारत की शान नेहरु
चाचा नेहरु ला जवाब ,खिलता हो जैसे गुलाब
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Friday, June 10, 2011

Aaau Khelein Khel


Aaau Khelein Kheil
Aaau  khelein  kheil, Hum ban jaayein rail, Hum ban jaayein rail.
Chuk-Chuk karti rail aaee, koo-koo karti rail aaee, Ruk gaee hai rail…..
O Kitnee sunder hai rail, kitnee badee hai rail, Bijalee se chalti hai rail……
Apna apna jhola uthao, chalo ander baith jaao, Choot  kahin naa jaye rail….
Babloo ne hai seetee bajaee, Paploo ne jhandi dikhaee, Karo nahin der…
Bhagi  bhagi neena aaee, saath mein apnee gudia laee, Raju karein khel……
Kalu bana hai chayewala, Bitoo bana samosewala, jhatpat  kholo zeb….
Baj gai seetee jaldi karo, Choot na jaaye chado chado, chal padee hail rail….
Reena ne hai seat jamaee, Pinki ne ki khoob ladaee, Rukva di usne rail……..
Ek lutera dakoo aaya, usne sab ko  daraya, Biloo ne usko maree gulail…
Ek ticket checker aaya, sab ne apna ticket dikhaya, chalti jaaye rail….
Station aaya jaldi  utroo , jhola apna mat bhoolo, Rukee huee hai rail…
Aaoo khelein khel, hum ban jaayein rail,  hum ban jaayein rail. 
Kitnee aChee thi rail, bolo bye-bye rail , hum khelenge phirse khaeil.        
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Saturday, June 4, 2011

CHIDIYA GHAR KI RAIL CHALEE

CHIDIYA GHAR KI RAIL CHALEE
Rail chalee bhai rail chalee, Chidia ghar ki rail chalee.
Aage baithe Bander mama, peeche unki dulhan ji…Rail
Teetar, More, Papeeha baithein, inko jana Delhi ji…Rail
Sher Shreni signal devein, bhago rail na choote ji...Rail
Hathi-Hathini chaye pilayain,aur garam pakode ji…Rail.
Oont - Oontni bhagte aaye, hai ! unko jana Jaipur ji…Rail
Bhalu dada ticket bhool gaye, oh! chooti unki rail ji…Rail
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PANDIT NEHRU

Nehru-------Santosh Gulati
Chacha Nehru la jwaab, Khilta ho jaise gulab,
Moti ki aankhon ka tara,Tha jan jan ka pyara,
Seedhe sade dil ke sacche, Bacche unko lagte acche,
Bacche karte unko yaad.----- Chaha
Azaadi ki ladi ladaee, Angrezo ko yeh baat na bhai,
Saza paee vipda jheli, Bharat ki phir dor sambhali.--Chacha
Gandhi ke path ko apnaya, Shanti-doot naam paya,
Bharat ke nirmaata Nehru, Bhararat ki shaan Nehru.
Chacha Nehru la jwaab, Khilta ho jaise gulab.

VEER JAWAHARLAL

VEER JAWAHARLAL------SANTOSH GULATI
Veer Jawaharlal ka janam diwas hai Bal Diwas,
Itihaas batata hai, Khila-khila gulab ,Khushboo phailata hai   ….1
Ekta ki taakat  se, Unhone manzil paee thee,
Bharat hua azaad, Goonj uthi  Shahneei thee…..2
Jahan-jahan ve chale, Sab ne unka saath diya,
Chod bhed bhav saare, Desh ko sanwar diya….3
Jin raahon par Jawahar chale, Un rahon par chalna hai,
Vishwa shanti bani rahae, Yeh unkaa  kahna hai….4
Jab tak sooraj chand rahenge, Bacche unko yaad karenge,
Desh ka uncha naam  karenge, Naya itihaas rachenge…5

BAL DIWAS BY SANTOSH GULATI

BAL DIWAS ---------Santosh Gulati
Lo chodah November aa gaya, Chacha Nehru ki yaad dila gaya.
Baccho ka manbhavan,  Bal Diwas phir aa gaya…1
Sir par topi, Achkan mein gulab sama gaya,
Moti ka voh ladla ,  Logon ko lubha gaya….2
Gandhi ji ki awaaj ne, Desh bhakt bana diya,
Apna sub kuch bhool kar, Watan par luta diya….3
Desh ko azad kara diya, Janta ne neta bana diya,
Lal kile par tiranga lahra diya, Jai Hind ka nara laga diya….4
Bharat ho shikhar par, Aisa mantra bana diya,
Aman ki sab bhasha bolein, Vaisa path pada diya…5
Asman mein dekho tara , Kaisa timtima raha,
Sadion tak na bhoolegi , Unki yeh dastan.6

Jawaharlal Nehru

CHACHA  NEHRU
Chacha Nehru kee kahanee, sabko lagtee badee suhanee,
Isko kahete nanaa- nanee, dunia thee unkee dewanee….1
Bachpan beeta khail mein,  jawanee beeti jail main,
Jeevan  badla Gandhi ne, desh ki dasta thi mitanee….2
Jahan jahan ve kadam badate, naye sapne le kar jaate,
Jaihind ka naara lagate, desh ki takat thi badanee…..3
Rashtra ek bageecha ho, khile hue gulab hon,
Baccho ki muskan ho, unke man ne thi thanee…. .4
Sab mein bhai chara ho, desh bane nyara ho,
Bal divas sab ko pyara ho, unki batein nahin bhulanee…..5
  Shantivan ki Samadhi kah rahi, aman ka sandesh de rahi,
Aao shraddha suman arpit karein , unki kurbani nahin bhulanee…..6